संवाददाता विनोद राठिया
तिलकेजा- उरगा मण्डल के ग्राम तिलकेजा में अखंड भारत संकल्प दिवस मनाया गया।
कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए धर्म जागरण के खण्ड संयोजक व भाजयुमो के मण्डल अध्यक्ष किशन साव ने कहा कि हमारा इतिहास आज के भारत में ही नहीं बल्कि अफगानिस्तान से लेकर कम्बोडिया लाओस और तिब्बत भूटान से लेकर श्रीलंका तक फैला है। हिन्दू धर्म और बौद्ध धर्मं के मंदिर अफगानिस्तान, कम्बोडिया तिब्बत यहां तक की चीन और जापान में भी मिलते हैं। शारदा पीठ और हिंगला माता का मंदिर पकिस्तान में है। कम्बोडिया में अंकोर वाट का विश्व का सबसे बड़ा मंदिर है, ढाकेश्वरी माता का मंदिर बांग्लादेश के ढाका में है। भगवान शंकर का कैलाश पर्वत और मानसरोवर भी आज चीन का हिस्सा है। प्रमाण हर जगह हैं, जरूरत है तो सिर्फ आंखे खोलने की।
पूर्व के नेताओं के चलते विभाजन के समय पाक अधिकृत कश्मीर और 1962 में अक्साई चीन हमारे दुश्मन देशों के कब्जे में चला गया। अफगानिस्तान, नेपाल, भूटान, तिब्बत, श्रीलंका, म्यामार और 1947 में पाकिस्तान हमसे अलग हुआ।
1947 में अधूरी आजादी के फलस्वरूप हमारे देश का अत्यंत रक्तरंजित विभाजन हुआ। पाकिस्तान जाने वाले लोग तो सुरक्षित जाते थे, पर उधर से ट्रेनों में लाशें भर-भरकर आती थीं। श्री साव ने आगे कहा कि अखंड भारत कोई असम्भव स्वप्न नहीं है। खंडित देशों के पुनः अखंड होने के कई उदहारण हैं। जर्मनी, वियतनाम आदि देश हाल में ही एक हुए हैं। इजराइल जैसा देश अठारह सौ साल की लम्बी लड़ाई के बाद अपनी मातृभूमि पा सका और आज चारों तरफ दुश्मनों से घिरा होने के बाद भी सीना ताने खड़ा है। देश तो बनते और टूटते हैं, लेकिन राष्ट्र कभी टूटता नहीं है। भले ही हमारी राजनीतिक इकाइयां अलग-अलग हों लेकिन सांस्कृतिक एकता अक्षुष्ण रहनी चाहिए। हमारी अखंडता का मार्ग सांस्कृतिक है और यही अखंड भारत की संकल्पना है।
इस अवसर पर युवा मोर्चा व धर्म जागरण के कार्यकर्ता अरविंद सोनी, विजय मालवीय, शैलेन्द्र वैष्णव, विनोद राठिया, दिनेश कैवर्त, विक्रम गायकवाड़, तुलेश्वर यादव आदि उपस्थित रहे।
