
भोजली पर्व पर तिलकेजा में धूमधाम से बाजे गाजे, भजन कीर्तन मंडली व अन्य प्रकार बाजे के साथ गुरुवार को देर शाम गांव के तालाब में महिलाओं सहित बच्चों ने भोजली विसर्जन किया।
मान्यता भी है कि जिस दिन भोजली विसर्जन के लिये गांव गांव मे महिलाओं तथा बच्चे भ्रमण करते है इसी तरह तिलकेजा क्षेत्र में रक्षाबंधन बंधन के एक दिन बाद भोजली विसर्जन किया जाता है। क्षेत्र में भोजली पर्व को लेकर काफी भारी उत्साह और उमंग रहता है। भोजली विसर्जन पश्चात एक दूसरे को देख कर बधाई एवं शुभकामनाएं देते हैं हमारे छत्तीसगढ़ में पर्व मनाए जाते हैं, जिनमें से एक है भोजली पर्व। यह अगस्त के महीने में मनाया जाता है। इसमें सभी वर्ग की महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे शामिल होते हैं। इस पर्व पर छत्तीसगढ़ के भोजली लोक गीत गाए जाते हैं ।भोजली असल में गेहूं से निकला हुआ पौधा होता है। सभी लोग भोजली को देवी का रूप मानते हैं। भोजली पर्व में इस पौधे की पूजा अच्छे सेहत के लिए की जाती है।
